सरकार की बड़ी घोषणा, अब सभी फसलों को ‘न्यूनतम समर्थन मूल्य’ पर खरीदेगी सरकार, यहां देखे सभी फसलों की रेट लिस्ट नमस्कार दोस्तों, आज के हमारे इस आर्टिकल में आपका स्वागत हैं। दोस्तों किसान जहां न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की गारंटी के मुद्दे को लेकर आंदोलन कर रहे हैं, वहीं इसी बीच राज्य सरकार की ओर से किसानों की सभी फसलों को एमएसपी पर खरीदने की घोषणा कर दी गई है। अब राज्य के किसान जो भी फसल उगाते हैं उनकी खरीद एमएसपी पर की जाएगी यानी हर फसल पर न्यूनतम समर्थन मूल्य की गारंटी होगी। राज्य सरकार के इस फैसले से किसान खुश हैं।
देश में यह पहली बार है जब किसी राज्य ने किसानों की सभी फसलों को एमएसपी (MSP) पर खरीदने का ऐलान किया हो। राज्य सरकार के इस फैसले पर प्रदेश के किसानों ने खुशी जाहिर की है। इसके अलावा राज्य सरकार की ओर से किसानों के लिए बहुत सी लाभकारी घोषणाएं भी की गई हैं। राज्य सरकार की इन घोषणाओं से किसानों की आय में इजाफा होगा।
किन-किन फसलों की होगी MSP पर खरीद
अब दोस्तों अभी फिलहाल राज्य सरकार की ओर से किसानों से केंद्र सरकार द्वारा अधिसूचित रबी व खरीफ की कुल 14 फसलों की न्यूनतम समर्थन मूल्य यानी MSP पर खरीदी की जा रही है। इसके अलावा भी अन्य फसलें भी किसानों से न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीदी जाएंगी जिनमें रागी, ज्वार- हाइब्रिड, मलदादी, मक्का, सोयाबीन, काला तिल, जौ, कुसुम, मसूर आदि फसलें शामिल की गईं हैं।
खरीफ सीजन की फसलों के लिए MSP लिस्ट
अभी फिलहाल राज्य सरकार की ओर से खरीफ सीजन की सात फसलों के लिए राज्य स्तर पर एमएसपी की घोषणा की गई है, जिनका न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) इस प्रकार रहेगा।
- रागी का न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) – 4290 रुपए प्रति क्विंटल
- ज्वार-हाइब्रिड का न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) – 3371 रुपए प्रति क्विंटल
- मलदादी का न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) – 3421 रुपए प्रति क्विंटल
- मक्का का न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) – 2225 रुपए प्रति क्विंटल
- सोयाबीन का न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) – 4892 रुपए प्रति क्विंटल
- काला तिल का न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) – 8717 रुपए प्रति क्विंटल
रबी सीजन की फसल के लिए MSP लिस्ट
राज्य सरकार की ओर से रबी सीजन के लिए तीन फसलें जौ, मसूर और कुसुम को न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीदा जाएगा, जिसका न्यूनतम समर्थन मूल्य इस प्रकार है-
- जौ का न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) – 1850 रुपए प्रति क्विंटल
- मसूर का न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) – 6425 रुपए प्रति क्विंटल
- कुसुम का न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) – 5800 रुपए प्रति क्विंटल
किन किसानों से होगी MSP पर सभी फसलों की खरीद
सभी फसलों को एमएसपी (MSP) पर खरीदने की घोषणा हरियाणा सरकार की ओर से की गई है। ऐसे में फिलहाल हरियाणा के किसानों से ही उपरोक्त फसलों की खरीद न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर की जाएगी। इस संबंध में राज्य के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने कहा कि हरियाणा के किसान की हर फसल को सरकार अब एमएसपी पर खरीदेगी। उन्होंने कहा कि ऐसा करने वाला हरियाणा पहला राज्य होगा।
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राज्य के किसानों के लिए अन्य लाभाकारी घोषणाएं
हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने राज्य के किसानों के लिए एमएसपी के अलावा और भी कई लाभकारी घोषणाएं की है, जो इस प्रकार से हैं-
- राज्य के किसानों का पिछला आबियाने (नहर पानी शुल्क) का 133 करोड़ 55 लाख 48 हजार रुपए बकाया माफ किया जाएगा।
- नॉन-स्टॉप हरियाणा के किसान भाइयों को नए ट्यूबवेल कनेक्शन प्रदान किए जाएंगे।
- खराब ट्रांसफार्मर को बदलने का खर्चा प्रदेश के किसानों से नहीं लिया जाएगा।
- देश की प्रत्येक थ्री स्टार मोटर बेचने वाली कंपनी म्हारे नॉन-स्टॉप हरियाणा के पैनल पर होगी। इससे किसान अपने पसंद की कंपनी से मोटर की खरीद कर सकेंगे।
- रोहतक, नूंह, फतेहाबाद और सिरसा में 2023 से पहले आपदा में फसलों को हुए नुकसान का मुआवजा एक हफ्ते में जारी कर दिया जाएगा। यह राशि करीब 137 करोड़ रुपए होगी।
क्या है न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP)
दोस्तों MSP यानी न्यूनतम समर्थन मूल्य एक ऐसी न्यूनतम दर है जो बाजार में फसल की कीमत गिरने पर किसान को आर्थिक हानि से सुरक्षा की गारंटी देती है। एमएसपी में सरकार किसानों को इस बात की अप्रत्यक्ष रूप से गारंटी देती है कि यदि बाजार में फसल का रेट गिरता है तो उसे सरकार एमएसपी पर खरीदेगी ताकि किसान को संभावित आर्थिक नुकसान से बचाया जा सके।
दोस्तों अभी केंद्र सरकार की ओर से 23 फसलों को MSP के दायरे में रखा गया है जिसकी खरीद MSP पर किसानों से की जाती है। इसके लिए सरकार राज्यवार लक्ष्य निर्धारित करती है। लेकिन पंजाब के किसान सरकार से इस बात की गारंटी चाहते हैं कि बाजार दर गिरने पर फसल की शत-प्रतिशत खरीद एमएसपी पर होनी चाहिए।
किसान सरकार से MSP की गारंटी चाहते हैं। बता दें कि कृषि लागत एवं मूल्य आयोग (CACP) द्वारा MSP तय की जाती है जिसकी घोषणा केंद्र सरकार की ओर से साल में दो बार प्रत्येक रबी व खरीफ सीजन से पहले की जाती है और उसी के अनुसार पूरे देश की सरकारी मंडियों में MSP पर किसानों से फसलों की खरीद की जाती है।
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