Ratlam News : पूज्य आचार्य श्री विजय कुलबोधि सूरीश्वरजी म.सा की निश्रा में बुधवार को उस समय एक नया इतिहास रच गया, जब शहर में 240 वर्धमान तक करने वाले तपस्वियों का एक साथ भव्य जुलूस निकला। जुलूस सेठ जी का बाजार स्थित आगमोद्धारक भवन से आरंभ हुआ और मुख्य मार्गो से होते हुए मोहन टॉकीज पहुंचकर धर्मसभा में परिवर्तित हो गया। यहां तप अनुमोदना समारोह के दौरान तपस्वियों का सत्कार किया गया। प्रवचन के बाद लाभार्थी परिवारों का बहुमान किया गया।
आचार्य श्री ने इस मौके पर कहा कि आज आपकी साधना का पूर्ण विराम नहीं है, अल्पविराम है। तप के लिए संकल्प, सत्व और समर्पण की ताकत का होना जरूरी है। इसमें संकल्प की ताकत के साथ ध्येय और बुद्धि बल के साथ मनोबल है तो दुनिया की कोई भी ताकत आपको तोड़ नहीं सकती।
आचार्य श्री ने कहा कि आध्यात्मिक जीवन में आगे बढ़ना है तो तत्व का बल जरूरी है। यदि तप का नहीं आहार का अनुराग है, तो सबका अनुराग करोगे तो आहार का अभ्यास खत्म हो जाएगा। इस जन्म में ब्रहमचर्य अनुराग बड़ा कर ले तो वासना का अभ्यास खत्म हो जाएगा।
आचार्य श्री ने कहा कि दुनिया में सर्वश्रेष्ठ धर्म है। अहिंसा, संयम और तप धर्म का कोई मुकाबला नहीं। यदि हमें हिंसा की पालन करना है तो संयम का पालन जरूरी है। संयम नहीं है तो अहिंसा का पालन नहीं हो सकता। संयम का पालन बिना तप के नहीं कर सकते। तप अहिंसा और संयम से बढ़कर है।
धर्मसभा से पूर्व तपस्वियों का भव्य जुलूस बैंड बाजे के साथ निकला। आयोजन के लाभार्थी ममता संजय मांडलेचा परिवार, अभय और माताजी माला परिवार, राजेश चंडालिया परिवार, शैलेंद्र सिपानि परिवार और प्रदीप संकलेचा परिवार रहे। श्री देवसूर तपागच्छ चारथाई जैन श्री संघ गुजराती उपाश्रय, श्री ऋषभदेव जी केसरीमल जी जैन श्वेतांबर तीर्थ पेढ़ी की ओर से अभय लुनिया राजेश सुराना सुनील मुनक मुकेश जैन मोहनलाल कासवा ललित पोरवाल आदि ने लाभार्थी परिवारों का भ्रमण किया |